सूखे का जिक्र अब शायद मौसम विभाग की किसी भी रिपोर्ट में नहीं मिलेगा. मोदी सरकार जब से बनी है तबसे देश दो बार सूखे का सामना कर चुका है और अब मौसम विभाग ने ये तय किया है अब खराब मानसून की स्थिति में मेट्रोलॉजिकल ड्राउट यानी सूखे का जिक्र अपनी रिपोर्ट में नहीं करेगा.
इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि मौसम विभाग अब अपने आंकड़ों में भी सूखे की घोषणा नहीं करेगा. कई बैठकों के बाद मौसम विभाग ने अपने तमाम मानदंडों में बदलाव करने का फैसला किया है.
मौसम विभाग ऐसे जारी करेगा आंकड़े
- बारिश पूरे सीजन में 10 फीसदी तक कम-ज्यादा रहने पर इसको सामान्य बारिश माना जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा कम रहने पर इसको सामान्य से कम बारिश कहा जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा रहने पर इसका सामान्य से ज्यादा बारिश बोला जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा कम रहने के साथ ही पूरे देश के 20 से 40 फीसदी हिस्से में ऐसा होने पर इसे कम वर्षा वाला साल कहा जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा कम रहने के साथ ही पूरे देश के 40 फीसदी से ज्यादा हिस्से में ऐसा होने पर इसे अति कम वर्षा वाला साल कहा जाएगा.
सूखा बोलने से परहेज करेगा विभाग
देश में बारिश भले न हो लेकिन मौसम विभाग सूखा बोलने से परहेज करेगा. इसी के साथ मौसम विभाग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के मद्देनजर भारी बारिश, अतिवृष्टि और अनावृष्टि जैसी तमाम मौसमी घटनाओं के लिए मापदंडों में बदलाव किया है. भारी बारिश का आंकड़ा होगा 64.5 से 115.5 मिलीमीटर जो पहले 80 मिलीमीटर से 120 मिलीमीटर था.
बहुत भारी बारिश का आंकड़ा होगा 115.6-204.4 मिलीमीटर जो पहले 120 मिलीमीटर से 250 मिलीमीटर था. अतिवृष्टि का आंकड़ा 204.5 मिलीमीटर जो पहले 250 मिलीमीटर था.
मानकों में भी बदलाव
इसके अलावा मौसम विभाग ने हीटवेव और कोल्ड वेव समेत तमाम मानकों में मामूली बदलाव किया है. मौसम के जानकारों का कहना है कि ये बदलाव मौसम में हो रहे तमाम परिवर्तनों के मद्देनजर किए गए हैं. इससे मौसम को समझने और लोगों को आसानी से चेतावनी समझाने में मदद मिलेगी.
सूखे का जिक्र अब शायद मौसम विभाग की किसी भी रिपोर्ट में नहीं मिलेगा. मोदी सरकार जब से बनी है तबसे देश दो बार सूखे का सामना कर चुका है और अब मौसम विभाग ने ये तय किया है अब खराब मानसून की स्थिति में मेट्रोलॉजिकल ड्राउट यानी सूखे का जिक्र अपनी रिपोर्ट में नहीं करेगा.
इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि मौसम विभाग अब अपने आंकड़ों में भी सूखे की घोषणा नहीं करेगा. कई बैठकों के बाद मौसम विभाग ने अपने तमाम मानदंडों में बदलाव करने का फैसला किया है.
मौसम विभाग ऐसे जारी करेगा आंकड़े
- बारिश पूरे सीजन में 10 फीसदी तक कम-ज्यादा रहने पर इसको सामान्य बारिश माना जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा कम रहने पर इसको सामान्य से कम बारिश कहा जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा रहने पर इसका सामान्य से ज्यादा बारिश बोला जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा कम रहने के साथ ही पूरे देश के 20 से 40 फीसदी हिस्से में ऐसा होने पर इसे कम वर्षा वाला साल कहा जाएगा.
- बारिश 10 फीसदी से ज्यादा कम रहने के साथ ही पूरे देश के 40 फीसदी से ज्यादा हिस्से में ऐसा होने पर इसे अति कम वर्षा वाला साल कहा जाएगा.
सूखा बोलने से परहेज करेगा विभाग
देश में बारिश भले न हो लेकिन मौसम विभाग सूखा बोलने से परहेज करेगा. इसी के साथ मौसम विभाग ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के मद्देनजर भारी बारिश, अतिवृष्टि और अनावृष्टि जैसी तमाम मौसमी घटनाओं के लिए मापदंडों में बदलाव किया है. भारी बारिश का आंकड़ा होगा 64.5 से 115.5 मिलीमीटर जो पहले 80 मिलीमीटर से 120 मिलीमीटर था.
बहुत भारी बारिश का आंकड़ा होगा 115.6-204.4 मिलीमीटर जो पहले 120 मिलीमीटर से 250 मिलीमीटर था. अतिवृष्टि का आंकड़ा 204.5 मिलीमीटर जो पहले 250 मिलीमीटर था.
मानकों में भी बदलाव
इसके अलावा मौसम विभाग ने हीटवेव और कोल्ड वेव समेत तमाम मानकों में मामूली बदलाव किया है. मौसम के जानकारों का कहना है कि ये बदलाव मौसम में हो रहे तमाम परिवर्तनों के मद्देनजर किए गए हैं. इससे मौसम को समझने और लोगों को आसानी से चेतावनी समझाने में मदद मिलेगी.
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