नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद रविवार को कांग्रेस प्रेसिडेंट ने महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की। कांग्रेस इसे कंडोलेंस मीट बता रही है। सोनिया के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी महबूबा से मिले। राज्य में नए सीएम के शपथ ना लेने और इसमें हो रही देरी और नेताओं की मुलाकात से नई अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
क्या हैं महबूबा की चार शर्तें...
- पीडीपी ने बीजेपी को संकेत दिए हैं कि वह 4 दिनों के शोक का पीरियड खत्म होने बाद ही नई सरकार के गठन पर फैसला करेगी।
- सूत्रों के मुताबिक पीडीपी लीडर महबूबा ने बीजेपी के सामने सीएम पद की शपथ लेने से पहले 4 शर्तें रखी हैं। ये शर्तें हैं-
1. सरकार में डिप्टी सीएम जैसी कोई पोस्ट नहीं होगी।
2. बड़े पोर्टफोलियो पीडीपी के पास रहेंगे।
3. सेंसिटिव इश्यू को अवॉइड किया जाए।
4. राज्य को केंद्र से ज्यादा मदद मिले।
बीजेपी ने भी रखी शर्ते
-सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने पीडीपी के सामने शर्त रखी है।
-पीडीपी की डिप्टी सीएम का पद खत्म करने पर बीजेपी ने सीएम पद बारी-बारी से दोनों पार्टियों के पास रहने की शर्त रखी है।
-सूत्रों के मुताबिक महबूबा इस शर्त को मामने के लिए राजी नहीं है।
राज्य में फिलहाल क्या है स्थिति?
- सरकार बनाने में हो रही देरी के चलते जम्मू-कश्मीर में शनिवार से गवर्नर रूल लगा दिया गया है।
- गवर्नर एनएन वोहरा ने बीते शुक्रवार को दोनों दलों को लेटर लिखकर सरकार बनाने के बारे में स्थिति क्लियर करने को कहा है।
- पीडीपी ने कहा था कि महबूबा पिता के चोहरम (चार दिनों के शोक) के बाद सरकार संभालना चाहती हैं।
- सूत्रों के मुताबिक बीजेपी भी सईद के चौथे के बाद गवर्नर को नई सरकार को सपोर्ट करने का लेटर सौंप सकती है।
क्या है असेंबली का गणित?
- 87 मेंबर्स वाली असेंबली में पीडीपी के 28 जबकि बीजेपी के 25 विधायक हैं।
- मेजॉरिटी के लिए जरूरी सीटें- 44
बाकी पार्टियों को कितनी सीटें?
सीपीआई (एम)-1, कांग्रेस-12, एनसी-15, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (जेकेपीसी)-2, जम्मू-कश्मीरपीपुल ड्रेमोक्रेटिक (सेकुलर)-1, इंडिपेंडेंट- 3
कांग्रेस के साथ भी बन सकती है पीडीपी की सरकार
पीडीपी+एनसी+ कांग्रेस ( 28+15+12 =55)
पीडीपी+कांग्रेस+ इंडिपेंडेंट (28+12+3 = 43) मेजॉरिटी के लिए 1 और विधायक चाहिए होगा।
कौन हैं महबूबा?
- 56 वर्षीय महबूबा मुफ्ती फिलहाल लोकसभा की सदस्य हैं।
- विधायक भी रही हैं। 1999 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन उमर अब्दुल्ला से चुनाव हार गईं।
- 2002 में वे पहलगाम से चुनाव जीतीं। 2004 में महबूबा कांग्रेस अलायंस सरकार का हिस्सा बनीं और लोकसभा चुनाव भी जीत गईं।
- वे अभी जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग सीट से सांसद हैं।
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