लखनऊ-मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कर्तव्य पालन में ढिलाई बरतने और इटावा
लायन सफारी में शेरनी की मौत को गंभीरता से लेते हुए प्रमुख वन्य संरक्षक
(वन्य जीव) एसके उपाध्याय को तत्काल उनके पद से हटा दिया है। मुख्यमंत्री
काम के प्रति उनकी लापरवाही से खिन्न हैं। उनके कामकाज की जांच रिटायर
आईएएस वीएन गर्ग के सुपुर्द की गई है।
राज्य सरकर के प्रवक्ता ने बताया कि इटावा लायन सफारी में एक शेरनी की मौत की घटना को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। इसके अलावा उनके खिलाफ शिकायत थी कि वह वन अभ्यारणों के रखरखाव में लापरवाही बरत रहे थे। साथ ही कुछ पक्षी विहारों के जल के अभाव में सूख जाने की शिकायतें थीं। इसे मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। प्रवक्ता ने बताया कि इटावा लायन सफारी में गुजरात से लाई गई शेरनी बीमार थी। उसका इलाज गुजरात के संबंधित प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. भुवा द्वारा किया जा रहा था। एसके उपाध्याय ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
इसके अलावा उन्नाव के नवाबगंज, हरदोई के साण्डी और कन्नौज के लाख बहोसी पक्षी बिहार जल के अभाव में सूख गए। इसके कारण इन स्थानों पर प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रभावित हुआ। इसके अलावा वन अभ्यरणों के रखरखाव में लापरवाही बरते जाने की शिकायतें भी शासन के संज्ञान में आई है। प्रवक्ता ने बताया की मामलों की जांच के लिए रिटायर आईएएस अधिकारी वीएन गर्ग की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी विस्तृत छानबीन कर लापरवाही बरतने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चिन्हित भी करेगी, ताकि उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जा सके।
राज्य सरकर के प्रवक्ता ने बताया कि इटावा लायन सफारी में एक शेरनी की मौत की घटना को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। इसके अलावा उनके खिलाफ शिकायत थी कि वह वन अभ्यारणों के रखरखाव में लापरवाही बरत रहे थे। साथ ही कुछ पक्षी विहारों के जल के अभाव में सूख जाने की शिकायतें थीं। इसे मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। प्रवक्ता ने बताया कि इटावा लायन सफारी में गुजरात से लाई गई शेरनी बीमार थी। उसका इलाज गुजरात के संबंधित प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. भुवा द्वारा किया जा रहा था। एसके उपाध्याय ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
इसके अलावा उन्नाव के नवाबगंज, हरदोई के साण्डी और कन्नौज के लाख बहोसी पक्षी बिहार जल के अभाव में सूख गए। इसके कारण इन स्थानों पर प्रवासी पक्षियों का आगमन प्रभावित हुआ। इसके अलावा वन अभ्यरणों के रखरखाव में लापरवाही बरते जाने की शिकायतें भी शासन के संज्ञान में आई है। प्रवक्ता ने बताया की मामलों की जांच के लिए रिटायर आईएएस अधिकारी वीएन गर्ग की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी विस्तृत छानबीन कर लापरवाही बरतने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चिन्हित भी करेगी, ताकि उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जा सके।
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