डीसा: गुजरात के डीसा में रहने वाली एक 12 वर्षीय बच्ची श्रेया इन दिनों मेडिकल साइंस के लिए चुनौती बन गई है। इसका कारण उसके कान से निकल रहे कीड़े-मकोड़े है। श्रेया इस परेशानी से पिछले 6 महीने से ग्रस्त है और डॉक्टर्स भी इस गुत्थी को सुलझा नहीं पा रहे हैं, क्योंकि टेस्ट के दौरान सारी रिपोट्र्स नॉर्मल आ रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, डीसा शहर के गायत्री नगर में रहने वाले पेशे से टेलर संजयभाई की बेटी श्रेया 6वीं क्लास की छात्रा है। लगभग 5-6 महीने पहले श्रेया के कान में तेज दर्द हुआ। डीसा के डॉक्टर्स ने प्राथमिक उपचार कर दवा दे दी। कान का दर्द दूसरे दिन भी खत्म नहीं हुआ, तो डॉक्टर्स ने कान की सफाई की। कान की सफाई में जिंदा छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े निकले। सफाई के बाद श्रेया का दर्द खत्म हो गया, लेकिन चार-पांच दिनों बाद फिर दर्द होने लगा। डॉक्टर्स ने फिर कान की सफाई की तो इस बार भी कान से जिंदा कीड़े-मकोड़े निकले।
इस घटना से डॉक्टर्स भी चौंक उठे, जब शहर के नामी डॉक्टर्स ने श्रेया की जांच की, तब भी यह पता नहीं चल सका कि कान में कीड़े-मकोड़े कैसे पनप रहे हैं। समस्या से तंग आकार डॉक्टर्स ने दवाओं के साथ कुछ दिन कान बंद रखने की सलाह दी। इसके बाद कुछ दिनों के लिए समस्या खत्म हो गई, लेकिन फिर से कान में दर्द होने लगा। डॉक्टर्स की लाख कोशिशों के बाद भी समस्या का हल नहीं निकला।
इसके बाद कान की जांच पाटण शहर के स्पेशलिस्ट से करवाई गई, लेकिन नतीजा बेअसर। फिर उसे अहमदाबाद लाया गया, जहां कान का एक्स-रे, सिटी स्केन, एमआरआई की गई, परंतु समस्या जस की तस बनी रही। अब तो पिछले छह महीनों से श्रेया का परिवार भी इलाज करवा-करवाकर परेशान हो गया है। अहमदाबाद के डॉक्टरों का कहना है कि वह केस पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे।
जानकारी के मुताबिक, डीसा शहर के गायत्री नगर में रहने वाले पेशे से टेलर संजयभाई की बेटी श्रेया 6वीं क्लास की छात्रा है। लगभग 5-6 महीने पहले श्रेया के कान में तेज दर्द हुआ। डीसा के डॉक्टर्स ने प्राथमिक उपचार कर दवा दे दी। कान का दर्द दूसरे दिन भी खत्म नहीं हुआ, तो डॉक्टर्स ने कान की सफाई की। कान की सफाई में जिंदा छोटे-छोटे कीड़े-मकोड़े निकले। सफाई के बाद श्रेया का दर्द खत्म हो गया, लेकिन चार-पांच दिनों बाद फिर दर्द होने लगा। डॉक्टर्स ने फिर कान की सफाई की तो इस बार भी कान से जिंदा कीड़े-मकोड़े निकले।
इस घटना से डॉक्टर्स भी चौंक उठे, जब शहर के नामी डॉक्टर्स ने श्रेया की जांच की, तब भी यह पता नहीं चल सका कि कान में कीड़े-मकोड़े कैसे पनप रहे हैं। समस्या से तंग आकार डॉक्टर्स ने दवाओं के साथ कुछ दिन कान बंद रखने की सलाह दी। इसके बाद कुछ दिनों के लिए समस्या खत्म हो गई, लेकिन फिर से कान में दर्द होने लगा। डॉक्टर्स की लाख कोशिशों के बाद भी समस्या का हल नहीं निकला।
इसके बाद कान की जांच पाटण शहर के स्पेशलिस्ट से करवाई गई, लेकिन नतीजा बेअसर। फिर उसे अहमदाबाद लाया गया, जहां कान का एक्स-रे, सिटी स्केन, एमआरआई की गई, परंतु समस्या जस की तस बनी रही। अब तो पिछले छह महीनों से श्रेया का परिवार भी इलाज करवा-करवाकर परेशान हो गया है। अहमदाबाद के डॉक्टरों का कहना है कि वह केस पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचेंगे।
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