नई दिल्ली: दिल्ली में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से दिल्लीवालों का बुरा हाल है. दिल्ली में जहां तहां कचरे की बदबू आ रही है. बकाया वेतन की मांग को लेकर एमसीडी के कर्मचारी कूड़ा उठाने को तैयार नहीं हैं. पूरी दिल्ली कूड़े के ढेर पर बैठी है. दिल्ली सरकार कह रही है कि हमने तो वेतन के पैसे दे दिए लेकिन बीजेपी भी जिम्मेदारी नहीं ले रही है. लेकिन इस लड़ाई में दिल्ली वाले पिस रहे हैं .
पहला दिन
सीएम केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन
दूसरा दिन
डिप्टी सीएम सिसोदिया के घर कूड़ा फेंका
तीसरा दिन
श्रम मंत्री गोपाल राय के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन
दिल्ली के बाबरपुर में विरोध का ये अंदाज दिखा. एक तरफ रोज सड़क पर दिल्ली सरकार का विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ कूड़ा फैला है. वेतन की लड़ाई में दिल्ली सरकार और नगर निगम के अपने-अपने दावे हैं लेकिन इन सबके बीच लोगों का जीना दूभर हो रहा है.
दिल्ली सरकार कह रही है कि 12 महीने के पैसे दिए जा चुके हैं जबकि निगम सरकार के दावे को झुठला चुका है. कांग्रेस कह रही है कि निगम को मदद तो सरकार को ही देनी है.
एक दूसरे पर इन आरोपों के बीच एमसीडी कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें वेतन को लेकर दिल्ली सरकार और नगर निगम की तरफ से कोई आश्वासन नहीं मिला है. एमसीडी के सफाई कर्मचारियों ने आम आदमी पार्टी के विधायकों का घेराव करने की बात कही है.
इस बीच आम आदमी पार्टी ये दावा कर रही है कि वो जल्द ही दिल्ली की सफाई को लेकर एक नई योजना लेकर आएंगे.
एमसीडी के चुनाव अगले साल होने हैं लेकिन एमसीडी कर्मचारियों की हड़ताल के बीच केजरीवाल सरकार केंद्र से एमसीडी को भंग करके चुनाव कराने की मांग रही है.
एमसीडी के चुनाव अगले साल होने हैं. आरोप लग रहे हैं केजरीवाल सरकार चौथे वित्त आयोग की सिफारिशों को चुनाव तक लटकाना चाहती है ताकि संकट में पड़े नगर निगम पर कब्जा जमाया जा सके. चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने पर तीनों नगर निगम को पांच हजार करोड़ से ज्यादा रकम मिलती लेकिन फिलहाल सफाई कर्मचारी सैलरी के लिए सड़कों पर हैं और सियासत जमकर हो रही है.
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