बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाहौर यात्रा का समर्थन करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच के विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। नीतीश ने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘मेरा मानना है कि अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के जन्मदिन या उनके परिवार में हुई शादी के अवसर पर प्रधानमंत्री का पाकिस्तान जाना एक सही कदम था।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इससे भारत और पाकिस्तान के बीच के विवादित मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी। ऐसी पहल अच्छी है।’’ पठानकोट आतंकवादी हमले की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘जब भी दोनों देश हालात को सामान्य बनाने के लिए अपने हाथ बढ़ाते हैं, कोई न कोई घटना हो जाती है। जब अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान गए थे तो कारगिल हो गया था।’’
नीतीश ने कहा, ‘‘कई ऐसी ताकतें हैं जो दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते नहीं चाहते। जब पाकिस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई कोई सरकार विवादों के समाधान का प्रयास करती है तो रास्ते में कई तरह की बाधाएं खड़ी कर दी जाती हैं।’’
वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके नीतीश ने कहा, ‘‘जब लोकतांत्रिक सरकार मजबूत होती है तो अन्य संगठनों का प्रभाव कम होता है और इसी से रिश्तों में सुधार का रास्ता साफ होगा। ये मेरी निजी राय है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।’’
नीतीश ने क्रिसमस के दिन मोदी के पाकिस्तान दौरे का जहां समर्थन किया, वहीं उनके सहयोगी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा, ‘‘मोदी और भाजपा चुनावों से पहले पाकिस्तान पर लंबे-लंबे भाषण देते थे। 56 इंच के सीने और पाकिस्तान की आंखों में आंखें डालकर पेश आने की बातें करते थे। क्या हुआ इन सब का? पाकिस्तानी हमारे घर में घुस आए और पठानकोट में सैनिकों को मार डाला।’’
राजद के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद लालू ने पत्रकारों को बताया, ‘‘(रंगदारी की मांग पर) दरभंगा में जब दो इंजीनियरों की हत्या हुई तो भाजपा ने खूब हो-हल्ला मचाया। लेकिन अब पाकिस्तानी हमारे घर में घुस आए और हमारे जवानों को मार डाला। लेकिन इस पर भाजपा का मुंह बंद है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इससे भारत और पाकिस्तान के बीच के विवादित मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी। ऐसी पहल अच्छी है।’’ पठानकोट आतंकवादी हमले की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा, ‘‘जब भी दोनों देश हालात को सामान्य बनाने के लिए अपने हाथ बढ़ाते हैं, कोई न कोई घटना हो जाती है। जब अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान गए थे तो कारगिल हो गया था।’’
नीतीश ने कहा, ‘‘कई ऐसी ताकतें हैं जो दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्ते नहीं चाहते। जब पाकिस्तान की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई कोई सरकार विवादों के समाधान का प्रयास करती है तो रास्ते में कई तरह की बाधाएं खड़ी कर दी जाती हैं।’’
वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके नीतीश ने कहा, ‘‘जब लोकतांत्रिक सरकार मजबूत होती है तो अन्य संगठनों का प्रभाव कम होता है और इसी से रिश्तों में सुधार का रास्ता साफ होगा। ये मेरी निजी राय है और इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।’’
नीतीश ने क्रिसमस के दिन मोदी के पाकिस्तान दौरे का जहां समर्थन किया, वहीं उनके सहयोगी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा, ‘‘मोदी और भाजपा चुनावों से पहले पाकिस्तान पर लंबे-लंबे भाषण देते थे। 56 इंच के सीने और पाकिस्तान की आंखों में आंखें डालकर पेश आने की बातें करते थे। क्या हुआ इन सब का? पाकिस्तानी हमारे घर में घुस आए और पठानकोट में सैनिकों को मार डाला।’’
राजद के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद लालू ने पत्रकारों को बताया, ‘‘(रंगदारी की मांग पर) दरभंगा में जब दो इंजीनियरों की हत्या हुई तो भाजपा ने खूब हो-हल्ला मचाया। लेकिन अब पाकिस्तानी हमारे घर में घुस आए और हमारे जवानों को मार डाला। लेकिन इस पर भाजपा का मुंह बंद है।’’
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