लखनऊ. साल 2012 में मायावती की मूर्ति तोड़ने को लेकर विवादों
में आए यूपी नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी अब मायावती का बर्थडे
संघर्ष दिवस के रूप में मनाने की तैयारी कर रहे हैं। अमित जानी ने बताया कि
15 जनवरी को मुजफ्फरनगर में एक भव्य कार्यक्रम में मायावती का बर्थडे
मनाया जाएगा। इस दौरान 60 किलो का केक काटा जाएगा। वह बहन मायावती को
कार्यक्रम में बुलाने के लिए लेटर भी लिखेंगे।कौन है अमित जानी...
हथौड़ा मारकर तोड़ी थी मूर्ति
-अमित जानी अचानक जुलाई 2012 में सुर्खियों में आए थे।
- यूपी नवनिर्माण सेना संस्था के नाम से तीन युवकों ने अंबेडकर पार्क में स्थापित सफेद रंग की मायावती की मूर्ति को तीन युवकों ने हथौड़ा मारकर तोड़ दिया था।
- मूर्ति तोड़कर भागने से पहले वहां पर यूपी नवनिर्माण सेना के पर्चे भी फेंके गए थे।
- मामला इतना बढ़ गया था कि सरकार को रातों-रात मायावती की मूर्ति लगवानी पड़ी थी।
-अमित जानी अचानक जुलाई 2012 में सुर्खियों में आए थे।
- यूपी नवनिर्माण सेना संस्था के नाम से तीन युवकों ने अंबेडकर पार्क में स्थापित सफेद रंग की मायावती की मूर्ति को तीन युवकों ने हथौड़ा मारकर तोड़ दिया था।
- मूर्ति तोड़कर भागने से पहले वहां पर यूपी नवनिर्माण सेना के पर्चे भी फेंके गए थे।
- मामला इतना बढ़ गया था कि सरकार को रातों-रात मायावती की मूर्ति लगवानी पड़ी थी।
सपा का परिवारवाद देखकर बदला मन
- अमित जानी ने कहा कि सपा में जो परिवारवाद सैफई से चला था, अब पूरे प्रदेश में फैलाया जा रहा है।
- वहीं, वह परिवारवाद के खिलाफ हैं।
- जहां तक उन्हें मालूम है, मायावती सड़क से संघर्ष करते हुए सत्ता तक पहुंची हैं।
- जहां तक उन्हें मालूम है, मायावती सड़क से संघर्ष करते हुए सत्ता तक पहुंची हैं।
- मायावती जैसा संघर्षशील नेता पैदा नहीं हुआ है।
- अमित जानी ने बताया कि मायावती की मूर्ति तोड़ने के बाद भी उनकी मां के देहांत पर मायावती ने उन्हें फोन कर शोक जताया था।
- जबकि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने दुख नहीं जताया।
- जबकि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने दुख नहीं जताया।
कमलेश तिवारी के लिए की थी सीट छोड़ने की घोषणा
- मुजफ्फरनगर सदर सीट से विधायक चितरंजन स्वरुप की मौत के बाद खाली हुई सीट पर होने वाले उपचुनाव में अमित जानी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
- अभी बीते साल दिसंबर में अमित जानी ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी को चुनाव लड़ाने के लिए अपनी सीट छोड़ने की घोषणा की थी।
- अमित जानी का कहना है कि कमलेश तिवारी की जान को कट्टर इस्लामी ताकतों से खतरा है। वह राष्ट्रवादी हैं।
- ऐसे में सपा सरकार मुस्लिम वोटों के लिए उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में उन्हें सदन भेजना जरुरी है।
- मुजफ्फरनगर सदर सीट से विधायक चितरंजन स्वरुप की मौत के बाद खाली हुई सीट पर होने वाले उपचुनाव में अमित जानी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
- अभी बीते साल दिसंबर में अमित जानी ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी को चुनाव लड़ाने के लिए अपनी सीट छोड़ने की घोषणा की थी।
- अमित जानी का कहना है कि कमलेश तिवारी की जान को कट्टर इस्लामी ताकतों से खतरा है। वह राष्ट्रवादी हैं।
- ऐसे में सपा सरकार मुस्लिम वोटों के लिए उन्हें नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में उन्हें सदन भेजना जरुरी है।
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