मुंबई: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर एक बार बुरी तरह डर गए थे, उन्हें समझ में नहीं आया क्या करें-क्या ना करें। 75 लाख मुसाफिरों को रोज ढोने वाली मुंबई की लाइफलाइन ने क्रिकेट के मैदान के इस सबसे बेखौफ बल्लेबाज को भी डरा दिया था। ये वह दौर था जब मास्टर क्रिकेट के स्टूडेंट थे और महंगी-महंगी गाड़ियों की जगह उन्हें भी मुंबई की लोकल ट्रेनों में रोज़ धक्के खाकर प्रैक्टिस के लिए जाना पड़ता था।
मुंबई में रेलवे पुलिस की नई मुहिम बी-सेफ और समीप को लॉन्च करने के मौके पर सचिन ने अपने बचपन का ज़िक्र करते हुए बताया, "छुट्टी का दिन था, हम लंच के लिए गए थे, फिर फैसला किया कि फिल्म देखेंगे ... फिल्म ख़त्म होते-होते प्रैक्टिस के लिए देर होने लगी। हम लोग फटाफट दादर में पटरी पारकर प्लेटफॉर्म पर जाने लगे। आधे रास्ते में ही थे कि हमने महसूस किया कि हर पटरी पर ट्रेन आ रही है वो भी बहुत तेज़ी से... हम आखिरकार दो पटरी के बीच हाथ में किट बैग लेकर बैठ गए... वह पल बहुत डरावना था।'
उस दौर में लोकल की भीड़ में किट बैग के साथ सफर करना सचिन के लिए भी मजबूरी थी। उन्होंने बताया, "11-15 साल तक मैंने ट्रेन में सफर किया। किट बैग के साथ धक्के खाए। लोगों के धक्के के साथ ट्रेन में चढ़ा हूं, उतरा हूं ... ये अनुभव मेरे साथ ताउम्र रहेगा।''
वैसे हालात अब भी बदले नहीं हैं। एक गैर सरकारी संगठन के सर्वे के मुताबिक लोकल में सफर करने वाली 60 फीसदी महिलाएं खुद को असुरक्षित मानती हैं। मुंबई की लोकल में हर रोज औसतन 10 लोगों की मौत होती है। 2015 में लोकल ट्रेन में होने वाले अपराध 36 फीसदी की दर से बढ़ गए हैं। ऐसे में मुंबई में रेलवे पुलिस अपने मुसाफिरों को महफूज बनाने के लिए दो नई मुहिम चलाने जा रही है- बी-सेफ और समीप।
इस मौके पर मुंबई रेलवे पुलिस के कमिश्नर मधुकर पांडे ने कहा, "समीप के अंतर्गत आपको 7208015207 पर मिस्ड कॉल देना है, या MH RLYCOP लिखकर 166 पर रजिस्ट्रेशन के लिए एसएमएस करना होगा। एक बार रजिस्टर होने के बाद आपको सारी जानकारी, अलर्ट एसएमएस पर मिलेगी।"
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