नई दिल्ली। दिल्ली में 1997 में उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में गोपाल और सुशील अंसल को जेल जाना चाहिए या नहीं, इस बारे में सुप्रीम कोर्ट दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। उपहार सिनेमा में आग लगने की घटना में करीब 60 लोग मारे गए थे। पिछले साल अगस्त में शीर्ष अदालत ने अंसल बंधुओं को 30-30 करोड़ रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने दोनों को आपराधिक लापरवाही का दोषी ठहराया था।
कोर्ट ने दोनों को जेल भेजने से छूट दे थी। कोर्ट ने दोनों की अधिक उम्र का हवाला देते हुए उन्हें जेल भेजे जाने से राहत प्रदान की थी। निचली अदालत के खिलाफ अंसल बंधुओं की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन पर जुर्माना लगाया था, जबकि जेल की सजा को लेकर कहा था कि दोनों ही वरिष्ठ नागरिक हैं, जब इन लोगों की उम्र कम थी तब कैद की सजा दी जा सकती थी।
सिनेमा हॉल में आग लगने से 60 से ज्यादा लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हो गई थी, जबकि 100 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे। बिल्डर्स पर सुरक्षा के बेसिक नियमों का भी उल्लंघन करने का आरोप लगा था। यहां तक कि सिनेमा हॉल में बाहर निकलने के लिए दरवाजे भी नहीं थे। यहां तक कि अनुमति से ज्यादा सीटें लगाई गई थीं, जिसके चलते दर्शकों का दम घुटने लगा।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दोनों बंधुओं को जेल न भेजने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और मृतकों के परिजनों ने अपील दायर की थी। पीडि़तों की ओर से नीलम कृष्णमूर्ति ने याचिका दायर की थी। उनके बच्चों की मौत इस दुर्घटना में हो गई थी। वह शुरू से ही रियल एस्टेट कारोबारी बंधुओं को इस मामले में कड़ी सजा दिए जाने की वकालत करती रही हैं।
COMMENTS