वाराणसी के जिला प्रशासन ने पीएम नरेंद्र मोदी की उस दरख्वास्त को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने गुरुवार को वाराणसी में होने वाले एमएलसी चुनाव में पोस्टल बैलट के जरिए वोट डालने की मंजूरी दिए जाने की मांग की थी। बीजेपी ने इस चुनाव में अपना कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था। वाराणसी के डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर और डीएम राजमणि यादव ने इस फैसले की जानकारी पीएमओ को दे दी है।
इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया पोस्टल बैलट के जरिए एमएलसी चुनाव में वोटिंग की इजाजत तभी देता है, जब वोटर या तो जेल में हो, चुनाव ड्यूटी पर हो या कोई पोलिंग बूथ मौजूद न हो। इस वजह से ही नरेंद्र मोदी की मांग ठुकरा दी गई। वाराणसी के एक बीजेपी नेता ने बताया कि पीएम ने पोस्टल बैलट के जरिए वोट डालने की इजाजत मांगी थी क्योंकि गुरुवार को उन्हें संसद मे मौजूद रहना था। इस वजह से उनका वाराणसी पहुंच पाना मुमकिन नहीं था। वहीं, डीएम ने कहा, ”पीएम एमएलसी चुनाव में वोट डाल सकते हैं क्योंकि वे स्थानीय सांसद हैं।
पीएमओ ने इस संदर्भ में जानकारी मांगी थी। मैंने यूपी के चीफ इलेक्शन ऑफिसर अरुण सिंघल से उनकी राय मांगी। मैं पीएम को जवाब भेजा है कि इस मामले में पोस्टल बैलट के जरिए वोट नहीं दिया जा सकता।” डीएम के मुताबिक, एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद पीएमओ ने इस बारे में जानकारी मांगी थी। यानी यह साफ हो चुका था कि कोई भी बीजेपी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतरेगा। बता दें कि बीजेपी वाराणसी में जीतने लायक कैंडिडेट तलाशने में नाकाम रही थी।
सीईओ अरुण सिंघल ने कहा कि वाराणसी के डीईओ ने एमएलसी चुनाव में पोस्टल बैलट इशू किए जाने पर उनकी राय मांगी थी। सिंघल के मुताबिक, ”डीईओ को यह जानकारी दे दी गई कि एमएलसी चुनाव में पोस्टल बैलट तीन मामलों में दिया जाता है-पहला अगर वोटर जेल में हो, दूसरा अगर वोटर ऐसी जगह पर है जहां पोलिंग सेंटर नहीं बनाया जा सकता और आखिरी यह कि वोटर चुनाव संबंधित ड्यूटी पर हो।”
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