नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को पारित कराने के दौरान कांग्रेस के संशोधन को राज्यसभा में मंजूरी मिलने पर विपक्ष की एकता की सरहाना की और कहा कि इससे भारतीय जनता पार्टी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गरीबों, दलितों, आदिवासियों तथा अन्य शोषित वर्ग के लोगों को चुनाव लडऩे से वंचित रखने की कोशिश को झटका लगा है।
राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा पंचायत चुनाव लडऩे के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता की शर्त को गलत बताते हुए पेश किए गए संशोधन को मतविभाजन के जरिए मंजूर किए जाने के बाद गांधी के आधिकारिक वेब पेज पर ट्वीट किया गया है देश के 50 फीसदी से अधिक लोगों को चुनाव लडऩे से वंचित रखने की आरएसएस और भाजपा की कोशिश पर विपक्ष की एकता गौरवशाली है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और संघ परिवार पंचायत चुनाव लडऩे के लिए अनिवार्य योग्यता की बात करके देश की महिलाओं, गरीबों, दबे कुचले और पीडि़त लोगों से चुनाव लडऩे का अधिकार छीनना चाहती है। उनका कहना था कि लोकतंत्र में सबको चुनाव लडऩे का अधिकार है और आजादी के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों ने इसी अधिकार को पाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
बाद में संवाददाता सम्मेलन में आजाद ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पंचायत चुनाव के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय की है और इससे गरीबों, दलितों, आदिवासियों और महिलाओं से उनका चुनाव लडऩे का हक छिन जाएगा। उन्होंने इस संशोधन को स्वीकार किए जाने को विपक्ष की प्रतीकात्मक जीत बताया।
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