नयी दिल्ली: एक व्यवहार्यता अध्ययन से पता चला है कि दिल्ली-चंडीगढ-अमृतसर मार्ग के लिए प्रस्तावित बुलेट ट्रेन की परियोजना में करीब एक लाख करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इसके साथ ही परियोजना के लिए एक सार्वजनिक निजी भागीदारी के बजाय प्रत्यक्ष रूप से सरकारी वित्तपोषण का सुझाव दिया गया है।
300 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली प्रस्तावित हाई स्पीड ट्रेन से राष्ट्रीय राजधानी और सिखों के पवित्र शहर के बीच की दूरी कम होने की उम्मीद है। अभी इस दूरी को तय करने में छह घंटे लगते हैं लेकिन बुलेट ट्रेन से करीब ढ़ाई घंटे लगेंगे। इस रिपोर्ट को फ्रेंच कंसल्टिंग एजेंसी सिस्ट्रा ने रेलवे की सहायक रिट्स के साथ मिलकर तैयार किया है और इस रिपोर्ट को आज रेल मंत्रालय को सौंपा गया।
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