नई दिल्ली। जाली इंडियन करंसी के केस तो बहुत सुने होंगे, मगर जाली अमेरिकी डॉलर सप्लाई करने वाले एक इंटरनेशनल गैंग का बठिंडा पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गैंग के तीन लोगों को अरेस्ट किया गया है। इसमें एक शख्स बठिंडा का, एक जर्मनी और एक नाइजीरिया का है। 4 साल से एक्टिव इस गैंग के पास से 1.05 लाख नकली अमेरिकी डॉलर(करीब 70.35 लाख रुपए) और एक कार बरामद की गई है। monarchtimes.in आपको बता रहा है कि आप कैसे असली डॉलर पहचान सकते हैं। लेकिन उससे पहले पढ़िए इस मामले के बारे में...
- एसएसपी स्वप्न शर्मा के मुताबिक दिल्ली में रहने वाले इस गिरोह से जुड़े कुछ अफ्रीकी लोगों की अभी पुलिस को तलाश है।
- गैंग का मास्टरमाइंड अफ्रीका निवासी नाइजीरियन मूल का क्रिस्टन 2010 में दिल्ली आया था। यहां एक अस्पताल में ट्रांसलेटर का काम करने लगा।
- इसने सबसे पहले फेसबुक के जरिए अपने ही देश के लोगों से कॉन्टैक्ट किया और कई नाइजीरियन को अपने साथ रख लिया।
- भरोसे में लेकर क्रिस्टन इन लोगों से जाली करंसी का काम करवाने लगा।
- ये लोग पहले कुरियर के जरिए नाइजीरिया से जाली डॉलर मंगवाते थे।
ऐसे बढ़ाया नेटवर्क
- 3 साल पहले क्रिस्टन की फेसबुक के जरिए श्रीनगर के रहने वाले और अब जर्मन नागरिक फियाज अहमद उर्फ मार्क फियाज से दोस्ती हो गई।
- फियाज जर्मनी में 5 साल पहले सन एनर्जी कंपनी में काम करता था और 3 साल से दिल्ली के जामिया नगर में रह रहा था।
- फेसबुक पर फ्रेंड बने क्रिस्टन ने फियाज को नवंबर 2015 में 100 नकली अमेरिकी डॉलर देकर इसे पंजाब में खपाने को कहा।
- फियाज के साथ जर्मनी में सन एनर्जी कंपनी में ही बठिंडा का करण भी काम करता था।
- नवंबर 2015 में करण को जब उसका भाई अमृतपाल एयरपोर्ट छोड़ने दिल्ली आया तो यहां फियाज से अमृतपाल मिला और इनकी दोस्ती हो गई। ये सभी फेसबुक फ्रेंड बन गए।
- दिसंबर 2015 में फियाज ने अमृतपाल को 100 डॉलर पंजाब में चलाने को दिए जो उसने दसूहा की वेस्टर्न यूनियन में चला दिए।
- जनवरी 2016 में फिर से अमृतपाल के पास 1 हजार नकली डॉलर पहुंचाए जो उसने भगता भाइका की वेस्टर्न यूनियन में खपा दिए।
- इस बार बड़ी खेप सप्लाई करने की प्लानिंग थी, जिसके लिए फियाज खुद 80 हजार नकली डॉलर की खेप लेकर बठिंडा अमृतपाल के घर आया हुआ था।
पुलिस ने ऐसे किया खुलासा
- पुलिस को वेस्टर्न यूनियन से नकली डॉलर खपाए जाने की भनक लगी। इंटेलिजेंस इनपुट के जरिए पुलिस दिल्ली पहुंची।
- यहां पुलिस ने सबसे पहले 8 मई को दिल्ली से क्रिसटन को अरेस्ट कर 14 हजार नकली अमेरिकी डॉलर बरामद किए।
- फिर फियाज के दिल्ली के जामिया नगर फ्लैट से 9 हजार अमेरिकी डॉलर बरामद किए।
- इसके बाद बठिंडा में अमृतपाल के यहां छापामारी कर 2 हजार रुपये बरामद किए।
- अमृतपाल की इको वैन नंबर डीएल03सीबीएल-6710 के अंदर से 80 हजार डॉलर अलग से बरामद किए। कुल 1.05 लाख डॉलर पकड़े गए।
कैसे करें असली डॉलर की पहचान
1- डॉलर की पहचान भारतीय रुपए से मिलती जुलती है। रुपए की तरह ही डॉलर में भी सिक्युरिटी थ्रेड, उभरी हुई प्रिंटिंग और कलर चेंजिंग पैटर्न होता है।
2- एक और दो डॉलर की नोट में सिक्युरिटी थ्रेड नहीं होता। दोनों के बाईं ओर जहां डॉलर की वैल्यू लिखी होती है वहां की उभरी हुई प्रिंटिंग के जरिए असली नोट की पहचान की जा सकती है।
3- 5, 10, 20, 50 और 100 के नोटों में सिक्युरिटी थ्रेड होता है। इसे लाइट में देखने पर जिस वैल्यू का नोट होता है वो वैल्यू और यूएसए लिखा दिखाई देता है।
4- 10, 20, 50 और 100 के नोटों में कलर शिफ्टिंग इंक यूज की जाती है। इससे नोट को टिल्ट करने पर लोवर राइट कॉर्नर में लिखी नोट वैल्यू का कलर कॉपर से ग्रीन हो जाता है।
5- 100 डॉलर के नोट में थ्री डी सिक्युरिटी रिबन भी होता है। नोट को वर्टिकली मूव करने पर रिबन पर लिखा 100 ऊपर-नीचे मूव करता है, वहीं नोट को ऊपर-नीचे मूव करने पर रिबन की वैल्यू वर्टिकली मूव करती है।
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