नई दिल्ली/मथुरा : मथुरा के जवाहर बाग इलाके में अतिक्रमणकारियों और पुलिस बल के बीच हुई हिंसक झड़प के मामले में न्यायिक जांच के आदेश दिये गये हैं और उपद्रवियों के नेता रामवृक्ष यादव पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने का ऐलान किया गया है। झड़प में शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को 20-20 लाख का रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मथुरा हिंसा पर अखिलेश यादव से बातचीत की है और हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। वहीं मथुरा से सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी अपने ट्वीट्स को लेकर विवादों में रहीं।
शुक्रवार को घटना पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उत्तर प्रदेश के डीजीपी जावीद अहमद ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अतिक्रमण स्थल पर पुलिस केवल निरीक्षण के लिए गई थी और इसी दौरान अचानक उस पर हमला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों को बहुत बेरहमी से मारा-पीटा गया। मामले में जानकारी मिलने तक कुल 368 को गिरफ्तार किया जा चुका है। अहमद ने बताया- 'झोपड़ियों में गैस सिलेंडर और बम भी रखे गए थे। घटनास्थल से अभी तक 47 कट्टे, 6 राइफलें, 178 जिंदा कारतूस समेत कई बाइक्स भी बरामद की गई है। उपद्रवियों ने पुलिस पर देसी बम फेंके। अतिक्रमण वाले जवाहरबाग को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है।'
डीएम राजेश कुमार ने बताया कि कार्यकर्ताओं का नेता राम वृक्ष यादव और समूह का सुरक्षा अधिकारी चंदन गौर वहां से अपने हजारों समर्थकों के साथ भाग गया। उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर 270 एकड़ में फैली जवाहर बाग की जमीन पर अवैध कब्जा जमा कर बैठे 'आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही संगठन' के लोगों को हटाने के लिये गई पुलिस और उपद्रवियों के बीच गुरुवार को हुए इस हिंसक संघर्ष में एसपी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ संतोष कुमार यादव समेत 24 लोगों की मौत हो गई। जबकि दो दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी और दर्जनों उपद्रवी घायल हो गये हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले में प्रशासन और खुफिया तंत्र की चूक को स्वीकार करते हुए कहा कि मथुरा कांड से उपजे हालातों पर वे खुद नजर रखे हुए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री दिनभर आला अफसरों से अपडेट लेते रहे। उन्होंने शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से टेलीफोन पर बातचीत कर हालात की जानकारी दी और प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई से उन्हें अवगत कराया। दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी यूपी सरकार से पूरे मामले की रिपोर्ट देने को कहा है। डीजीपी मुख्यालय के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा रही है।
घटना को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी जारी है। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और बसपा ने मामले को लेकर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। बीजेपी ने अतिक्रमणकारियों को सपा का संरक्षण होने का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि लगातार हिंसा उत्तर प्रदेश में खराब हो रही कानून-व्यवस्था की तरफ इशारा करती है।’ वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे प्रदेश में जंगलराज बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं बताती हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था कितनी खराब हो चुकी है। उन्होंने मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस्तीफे की मांग की है।
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