लंदन। वायु प्रदूषण के कारण बच्चों और किशोर-किशोरियों में गठिया या इससे जुड़े रोग हो सकते हैं, जिसमें दर्द, सूजन, लूपस आदि हो सकते हैं। सिस्टेमिक लूपस अर्थेमेटोसस (एसएलई) या लूपस शरीर के किसी भी हिस्से को नुकसान पहुंचा सकता है।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ रुमटॉलजी के मुताबिक, यह त्वचा और जोड़ों को प्रभावित करने के अलावा शरीर के दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे किडनी, दिल और मस्तिष्क आदि। लूपस रोग में ज्यादातर मरीज थकान महसूस करते हैं और उनके शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। गठिया रोग में हड्डियों के जोड़ों में दर्द होता है और मरीज सूजन महसूस करते हैं साथ ही बुखार भी हो सकता है।
यह शोध ब्राजील में किया गया और इसमें पाया गया कि वायु प्रदूषण के कारण ही लूपस रोग पैदा होता है। युनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो, ब्राजील से संबद्ध मारिया फर्नाडा गौलार्ट ने कहा कि हमारे शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि वायु प्रदूषण के कारण न सिर्फ पुराने फेफड़ों के रोग, हृदय रोग, हृदय के कैंसर के प्रसार में वृद्धि होता है, बल्कि यह बचपन में ही गठिया रोग होने की संभावना को भी बढ़ाता है, जैसे कि लूपस रोग। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण में वृद्धि हो रही है। इसके कारण गठिया रोग में वृद्धि देखने को मिलेगी।
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