लंदन: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी के फाइनल में शूटआउट तक चले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 3-1 से हराकर 14वीं बार खिताब अपने नाम कर लिया। वहीं भारत का चैंपियन बनने का सपना टूट गया।
दोनों हाफ का खेल खत्म होने तक कोई भी टीम गोल करने में कामयाब नहीं हुई। आखिरकार मैच का फैसला पेनाल्टी शूटआउट के जरिए किया गया। पेनाल्टी शूटआउट में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी दिखा। जहां उसने अपने पहले दोनों ही चांस को गोल में तब्दील किया वहीं भारतीय खिलाड़ी अपने पहले दोनों ही अवसरों को गोल में नहीं बदल सके।
ऑस्ट्रेलिया ने तीसरा मौका खो दिया जब भारतीय गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने गोल बचाकर अपनी टीम को एक मौका दिया। भारतीय खिलाड़ियों ने इसका फायदा भी उठाया और तीसरे चांस में गोल भी किया। लेकिन चौथे चांस में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी गोल करने में कामयाब हुए जबकि भारतीय खिलाड़ी चूक गए। और इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 3-0 से जीत लिया।
मैच में शुरुआत से ही दोनों टीमें रक्षात्मक खेलती रहीं। पहले हाफ तक दोनों ही टीमें कोई भी गोल नहीं कर सकीं। हालांकि दोनों ही क्वार्टर में दोनों टीमों को गोल दागने के कई मौके मिले। दोनों ही टीमों को कई बार पेनाल्टी कॉर्नर भी मिले लेकिन कोई भी उन मौकों को गोल में तब्दील नहीं कर सका। तीसरे और चौथा क्वार्टर तक भी कोई गोल नहीं हुआ। दोनों टीमों के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिला।
गौरतलब है कि भारतीय टीम पहली बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची। इस एलीट हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम इससे पहले सिर्फ एक बार पोडियम तक जा पाई थी। 1982 में भारत ने कांस्य पदक जीता था। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले 35 में से 28 बार पोडियम का सफर तय किया है और 13 बार टूर्नामेंट की चैंपियन रही है।
6 देशों के बीच होने वाले इस टॉप हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने सिर्फ 16 बार क्वालिफाई किया है। 34 साल बाद पोडियम पर पहुंची भारतीय टीम का रजत पदक जीतना तय है। गुरुवार देर रात बेल्जियम और मेजबान ग्रेट ब्रिटेन के बीच खेला गया मैच के 3-3 से ड्रॉ हो गया जिसके चलते भारत ने पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली।
भारतीय टीम के डच कोच रोलंट ऑल्टमैन्स दुनिया के बेहद कामयाब कोच माने जाते हैं। 62 साल के इस डच कोच ने पिछले एक साल में भारतीय टीम की फिटनेस और खेल में बड़ा बदलाव लाया है। तीन महीने पहले भारतीय टीम ने अज़लान शाह कप के फाइनल में पहुंची थी। इसमें ऑस्ट्रेलिया से 0-4 से हार कर टीम ने रजत पदक जीता था।
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