नई दिल्ली। गुजरात में दलितों पर अत्याचार की घटना को लेकर बुधवार को लोकसभा में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मीडिया में छाई रही 'झपकी' वाली तस्वीर को कांग्रेस ने गलत बताया और इस तरह की खबरों को महत्व देने के लिए मीडिया की तीखी आलोचना की। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां संवाददात सम्मेलन में कहा कि मीडिया ने गांधी की 'झपकी लेते हुए' तस्वीर दिखाई है और उसे चटखारेदार ढंग से पेश किया है, जबकि वास्तविकता यह है कि वह झपकी नहीं रहे थे, बल्कि अपना मोबाइल फोन देख रहे थे।
उन्होंने कहा कि सदन में मोबाइल फोन पर संदेश पढऩा गलत नहीं है। प्रवक्ता ने अपना मोबाइल फोन दिखाते हुए कहा कि उनके पास एक फोटो है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में बैठकर मोबाइल फोन की स्क्रीन खोले हुए हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया का इस तरह की महत्वहीन खबरों को जरूरत से ज्यादा तरजीह देना निंदनीय है और उसके इस रुख से दलितों पर अत्याचार जैसी महत्वपूर्ण मुद्दे हल्के पड़ जाते हैं।
सिंघवी ने सलाह दी कि उसे दलितों पर होने वाले अत्यार को लेकर सदन में हो रही बहस के दौरान इस तरह की महत्वहीन बातों को महत्व देने के बजाए इस बात को ज्यादा तरजीह देनी चाहिए कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात में सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल भेजने से इनकार किया है।
संघ के बारे में बयान को लेकर राहुल मुकदमा लड़ेंगे
कांग्रेस ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराने संबंधी अपने बयान को लेकर पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी अदालत में मुकदमा लड़ेंगे। राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा ने बुधवार को कहा कि गांधी इस मामले में अपने बयान से पीछे नहीं हटेंगे और जरूर मुकदमा लड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया था और यह कैबिनेट का फैसला था। उस मंत्रिमंडल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी शामिल थे। इसलिए राहुल गांधी ने कोई गलत बयान नहीं दिया है।
गौरतलब है कि मंगलवार को पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी कहा था कि गांधी इस मामले में माफी नहीं मांगेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि गांधी अपने बयान के लिए माफी मांगे या मुकदमे का सामना करें। कोर्ट का कहना था कि गांधी को एक संगठन की सार्वजनिक निंदा नहीं करनी चाहिए थी।
अगर उन्होंने खेद नहीं जताया तो उन्हें मानहानि के मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गत वर्ष 6 मार्च को महाराष्ट्र के ठाणे में एक चुनावी रैली में कहा था कि संघ के लोगों ने गांधी जी की हत्या की थी। उनके इस बयान के विरोध में संघ के राजेश कुंटे ने भिवंडी के मजिस्ट्रेट कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। इस पर गांधी इस अपराधिक मानहानि के मुकदमे को खारिज कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे।
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