अंकारा। तुर्की में सेना ने तख्तापलट की कोशिश की है। सेना ने दावा किया है कि उसने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। हालांकि प्रधानमंत्री बिनअली यिलदरिम का कहना है कि सैन्य तख्तातलट की कोशिश नाकाम कर दी गई है। इन सब उठापटक के बीच सेना ने इस्तांबुल में भीड़ पर गोलियां दागीं है, जिसमें कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।
सेना और आम लोगों के बीच झड़प में दर्जनों लोग मारे गए हैं, जिसमें 48 की पहचान आम नागरिकों के रूप में हुई है। इनकी जान सेना की गोलियों से गई है, वहीं पुलिस मुख्यालय पर सेना के हमले में 17 पुलिस अधिकारी मारे गए हैं।
तख्तापलट की इस कोशिश के दौरान बागी फौजियों ने लड़ाकू विमानों पर कब्जे कर लिए और उनसे शहर के ऊपर उड़ान भरी। यही नहीं, सेना के टैंकों ने पूरे देश में चहलकदमी की और इस्तांबुक एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण शहरों पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया। राष्ट्रपति के आह्वान के बाद भारी संख्या में आम नागरिक सड़कों पर उतर और सेना को लगातार झड़पों में हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि सेना ने सीधे तौर पर आम लोगों पर हमले नहीं किए, वर्ना स्थिति भयावह हो सकती थी। राष्ट्रपति ने बाद में बयान दिया कि तख्तापलट की कोशिशें नाकाम कर दी गई हैं और इससे संबंधित 120 सैन्य अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एएफपी की रिपोर्ट में बताया गया है कि तख्तापलट में इस्तेमाल किए जा रहे एक हेलीकॉप्टर को एफ-16 विमान ने मार गिराया है। वहीं एपी ने रिपोर्ट दी है कि अंकारा के बाहरी इलाके में सेना के हेलीकॉप्टर से हमले में विशेष पुलिस बल के 17 अधिकारी मारे गए। शुक्रवार को सेना ने दावा किया कि उसने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। सेना ने कहा कि उसने देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को बनाए रखने और मानवाधिकार संरक्षित रखने के लिए सत्ता अपने हाथ में ले ली है।
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