नई दिल्ली : सार्क सम्मेलन के लिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आईना दिखाया। अपने संबोधन में राजनाथ ने आतंकवाद और इसका समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों का ‘शहीदों’ की तरह महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए। पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन के दौरान सूरत-ए-हाल पर गृहमंत्री शुक्रवार को संसद में अपना बयान देंगे।
कश्मीर में जारी अशांति के बीच भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस्लामाबाद का दौरा किया है। इस अशांति के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है। पिछले महीने 8 जुलाई को पाकिस्तान समर्थक हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में हिंसात्मक विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने वानी को ‘शहीद’ करार दिया था। उन्होंने कहा था कि वह जम्मू कश्मीर की ‘आजादी’ के लिए शहीद हो गया।
इस बीच खबर यह भी आई कि राजनाथ सिंह के इस भाषण को पाकिस्तान के चैनलों पर ब्लैक आउट कर दिया गया। हालांकि भारत ने इन खबरों को 'गुमराह करने वाला' बताया। सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘यह दक्षेस की मानक नीति है कि मेजबान देश का सत्रोद्घाटन भाषण प्रसारित करने की ही अनुमति मीडिया को है और वह सार्वजनिक होता है। बाकी कार्यवाही बंद कमरे में होती है ताकि मुद्दों पर स्पष्ट एवं विस्तृत चर्चा की जा सके।’
भारत-पाकिस्तान में जारी तनाव इस सम्मेलन में भी साफ तौर से दिखा जब राजनाथ सिंह का अपने पाकिस्तानी समकक्ष चौधरी निसार अली खान से पहली बार आमना-सामना हुआ, तो दोनों नेताओं ने बमुश्किल ही हाथ मिलाया। खान ने सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने आये गणमान्य लोगों के लिए दिन के भोज का भी आयोजन किया था। हालांकि मुख्य बैठक में आयोजित इस भोज में खान खुद ही शामिल नहीं हुए। इससे नाराज राजनाथ सिंह ने वहां भोजन नहीं किया। बाद में गृहमंत्री ने अपने होटल के कमरे में अपने साथ आए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ लंच किया और इसके बाद भारत के लिए रवाना हो गए।
इससे पूर्व राजनाथ सिंह के पाकिस्तान पहुंचते ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर राग छेड़ दिया था। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला नहीं है। नवाज शरीफ ने पाक विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कश्मीर में 'आजादी' की एक नई लहर है और कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला नहीं है। नवाज ने राजनयिकों से कहा कि वह यह बात दुनिया को बताएं।
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