उत्तर प्रदेश के चुनावी माहौल में सरकार और सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर अंदरुनी कलह और तेज हो गई है। मंगलवार देर रात समाजवादी पार्टी (सपा) में बड़ा उलटफेर हुआ। चुनावों में पार्टी का चेहरा रहने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ से संगठन की कमान लेकर शिवपाल यादव को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया, जिसके जवाब में देर रात मुख्यमंत्री ने शिवपाल से सभी महत्वपूर्ण विभाग वापस ले लिए।
यूपी के सीएम अखिलेश ने सपा के अंदर हो रहे इन विवादों पर कहा कि परिवार में नहीं बल्कि ये सरकार का झगड़ा है। मैंने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के कहने पर ही ये फैसले लिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बड़े फैसले मैंने भी लिए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में समस्याएं हो सकती हैं लेकिन परिवार में नहीं है। जहां तक परिवार का सवाल है, हर किसी को नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की बात स्वीकार्य है और उनकी बातों को मानेंगे। अगर मैं कोई निर्णय लेता हूं, तो यह ‘नेताजी’ की सलाह से लेता हूं, लेकिन कई बार मैं अपना दिमाग भी लगाता हूं और कुछ निर्णय मेरे अपने होते हैं।
#WATCH Uttar Pradesh CM Akhilesh Yadav says "This is a fight in Govt, not family" amid reports of rift in family pic.twitter.com/IHRS2h2t44— ANI UP (@ANINewsUP) September 14, 2016
दूसरी ओर, सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि शिववाल ने सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने यूपी अध्यक्ष और मंत्रिपद से इस्तीफे की पेशकश की है। शिवपाल ने आज कहा कि आगे का फैसला मुलायम सिंह यादव से बातचीत के बाद ही करूंगा। मुलायम सिंह का फैसला आखिरी होगा। मंत्री बनाना और हटाना सीएम का हक है। शिवपाल ने मंगलवार देर रात भी मुलायम से बात की थी। इस बीच, अखिलेश ने बुधवार को लखनऊ में सारे कार्यक्रम रदद कर दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, अखिलेश के सभी फैसलों में रामगोपाल यादव का साथ है।
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव से आहत महसूस कर रहे है। इस बात की संभावना है कि अखिलेश यादव ने अपने सारे कार्यक्रम इसी वजह से स्थगित कर दिए हैं।
गौर हो कि सपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी में बदलाव की पटकथा सोमवार को उसी वक्त से लिखी जाने लगी थी, जब पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की सहमति के बगैर ही मुख्यमंत्री अखिलेश ने दो मंत्री बर्खास्त कर दिए थे। सोमवार की रात और फिर मंगलवार की शाम मुलायम, शिवपाल और अमर सिंह के बीच घंटों बैठक चली। इस दौरान शिवपाल यादव के पार्टी संगठन के अनुभवों का लाभ उठाने का फैसला किया गया।
इसके बाद फैसला लिया गया कि अखिलेश मुख्यमंत्री रहें, लेकिन संगठन का कामकाज शिवपाल संभालेंगे। इसकी घोषणा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने मंगलवार को एक पत्र जारी कर की। प्रदेश अध्यक्ष का पद वापस लिए जाने से खफा मुख्यमंत्री अखिलेश ने शिवपाल से लोक निर्माण, सिंचाई विभाग व राजस्व विभाग वापस ले लिया। उन्हें अब समाज कल्याण एवं भूमि परती विकास मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, इस बीच शिवपाल की मान-मनौव्वल तेज हो गई है।
Where have you found a family fight? This is a fight in government, not a family fight: Akhilesh Yadav, CM UP pic.twitter.com/SPnopBBcIN— ANI (@ANI_news) September 14, 2016
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