पिछले साल असहिष्णुता पर टिप्पणी करने की वजह से देशभर में आलोचना सहन कर रहे आमिर खान ने सफाई देने की बजाय, समाजिक कार्य करके दिखा दिया है कि वो ही असली राजा हिंदुस्तानी हैं और वे इसी देश में आखिरी दम तक रहने वाले हैं. दरअसल आमिर खान ने और उसकी 'पानी फाउंडेशन' ने वो कर दिखाया है जो सरकार और प्रशासन भी नहीं कर पाया है. बिना एक रुपया खर्चा किए आमिर खान और उनकी संस्था ने 116 गांव में जल संरक्षण के बहुत बड़े पैमाने पर काम कर दिखाया है, जिनकी सरकारी कीमत 272 करोड़ है, और ये कहा है खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने.
ऐसे हुई 'पानी फाउंडेशन' NGO की स्थापना
आमिर खान ने बताया के उनके स्कुल के बचपन के दोस्त सत्या के कारण उनका फिल्मों से सामाजिक कार्य के प्रति झुकाव बढ़ा. सत्यमेव जयते के बाद हमें समझ आया कि भारत बदलना चाहता है. तीन सीजन के बाद तय किया के पानी पर काम करना है और शुरुवात महाराष्ट्र से करना है. इसके बाद पानी संस्था की स्थापना की गई. इस सामाजिक संगठन 'पानी फाउंडेशन' के माध्यम से महाराष्ट्र राज्य के 116 गांवों में हुआ जल संरक्षण.
बिना पैसे खर्च किए जल संरक्षण का काम
रविवार के दिन पुणे में राज्यभर से आए भारतीय जैन संघटना के कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देते हुए आमिर खान बोले कि उनकी ये स्वयं संस्था सिर्फ लोगों के बीच के संचारक (communicators ) है. बाकी काम लोगों ने ही किया है. आमिर ने बताया कि मैं डरा भी था, मन दुविधा में था कि अगर इसमें सफलता नहीं मिली तो, लेकिन डेढ़ साल के भीतर 116 गांव में ये जल संरक्षण का पहला काम पूरा हुआ है. तीन तहसीलों में काम किया है. अब तीन से तीस तहसीलों में हमें जाना है. राउंड टू में दस गुना ज्यादा साधन चाहिए. आमिर खान के एक सहयोगी जो सातारा शहर से हैं ने तो अपना डॉक्टरी का पेशा ही छोड़ दिया.
इस दूसरे जल संरक्षण के पार्ट टू में आमिर खान ने पुणे के शांतिलाल मूथा के भारतीय जैन संघटन के साथ हाथ मिलाया है. शांतिलाल मूथा के भारतीय जैन संघटन ने महाराष्ट्र के हजारो गांवों में जल संरक्षण के काम किए हैं और इसलिए अब राउंड टू में और संघटन को साथ लेकर चलना जरूरी है. आमिर खान के मुताबिक शांतिलाल मूथा उनके लिए कृष्ण भगवान हैं और पानी संघटन को कृष्ण और उसकी पूरी फौज मिली है.
पानी को बचाना है तो समाज में गैप नहीं होना चाहिए. समाज को जोड़ना है. अब राउंड टू में तीन से तीस में जाना है. महाराष्ट्र को अगर सूखा मुक्त होना है तो सभी लोगों को एक साथ जुड़ना है. पूरे महाराष्ट्र में 86000 गांवों में पांणलोट याने जल संधारण का काम करना होगा. 353 तहसीलों है, गांव से शुरू किया है ये अभियान आगे जाकर बड़े शहरों में ले जाना है.
सत्यमेव जयते वाटर कप- 2 की शुरुआत
आमिर खान का सपना है कि चार सालों में महाराष्ट्र टैंकर मुक्त हो जाए. दूसरे राउंड के बाद शहरो में जाना है. आमिर और उनकी टीम मानती है के बांध समाधान नहीं हैं, क्योंकि देश के बड़े 40 % बांध राज्य में होने के बावजूद राज्य के 18% इलाके में ही इससे सिंचाई हुई है. पानी का विकेन्द्रीकरण ही एकमात्र समाधान है और इसीलिए आमिर खान की पानी संस्था जो काम कर रही है, उससे सही मायने में पानी को जमीं के अंदर डालने में मदद हो रही है. ये सेकंड राउंड बहुत जरूरी है, क्योंकि 30 से 300 गांवों तक पहुंचना यानि स्केल बराबर होना चाहिए. जल संरक्षण की ट्रेनिंग आमिर खान की पानी संस्था के एक्सपर्ट सिखाएंगे. और फिर से स्पर्धा ली जाएंगी.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने माना कि सरकार की योजना होगी तो असफल होगी, और अगर जनता की योजना होगी तो सफल होगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को जब आमिर खान ने उनके मन की बात बताई तो मुख्यमंत्री ने झट से आमिर के सामने राज्य के जलयुक्त शिवार योजना का ब्रांड एंबेसडर बनने का प्रस्ताव रखा, लेकिन आमिर खान ने ब्रांड एंबेसडर बनने के बजाय खुद जलसंचरण का काम करना चुना और करके भी दिखाया.
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