नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम के प्रयास में सहयोग नहीं करने वाले अधिकारियों के नामों का उल्लेख करते हुए एक हलफनामा दायर करने में विफल रहने पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। हलफनामा दायर करने के लिए समय की मांग करने के दौरान दिल्ली सरकार के वकील के तर्क से स्पष्ट रूप से अप्रसन्न सुप्रीम कोर्ट की पीठ के न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा, 'लोग मर रहे हैं, एक हलफनामा दायर करने के लिए आपको 24 घंटे का समय नहीं लगना चाहिए।'
दिल्ली सरकार के सभी वादों की याद दिलाते हुए पीठ ने कहा, 'जब आप बड़े-बड़े वादे करते हैं तो आपको उसे पूरा करना चाहिए।' बता दें, यह मामला 2015 का है। जब एक अस्पताल में एक बच्चे के इलाज नहीं होने पर उसकी मौत हो गई थी और उसके बाद बच्चे के माता-पिता ने आत्महत्या कर ली थी। तब शीर्ष अदालत ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था।
इस मामले की पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार ने कहा था कि डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम में कुछ अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। इस पर अदालत ने दिल्ली सरकार से हलफनामे में इन अधिकारियों का नाम बताने को कहा था। हलफनामा नहीं देने पर अदलत ने जुर्माना लगाया है।
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