कोलकाता। कोलकाता के टंगरा इलाके में काली मां का एक ऐसा मंदिर है जहां प्रसाद में नूडल्स और फ्राइड राइस का भक्तों में बांटा जाता है। मां को चाइनीज व्यंजन का भोग लगता है और फिर यही प्रसाद के रूप में भक्तों के बीच वितरित किया जाता है। इसी वजह से इस मंदिर का नाम चाइनीज काली मां पड़ गया है। 55 साल के इसोन चेन इस मंदिर की देखभाल करते हैं।
इस मंदिर के पीछे जिस कहानी का जिक्र होता है उसमें एक चीनी बच्चे का जुड़ाव भी है। दरअसल, इस मंदिर में काफी समय से बीमार चल रहे एक चीवी बच्चे को लाया गया था। यहां आते ही उसकी बीमारी खत्म हो गई। इसके बाद चीनी लोगों का विश्वास इस मंदिर के प्रति काफी गहरा हो गया।
तभी से यह लोग यहां पूजा-पाठ करने लगे। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यहां प्रणाम भी चीनी शैली में ही किया जाता है। 60 साल पुराने इस मंदिर में काली पूजा के दौरान काफी लोग मां के दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर में माता के सामने कैंडल्स और चाइनीज अगरबत्तियां जलाईं जाती है।
ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ चीनी शैली ही दिखाई देती है। नवरात्रि के अलावा दीपावली में भी यहां विशेष आरती का आयोजन किया जाता है, जिसमें चीनी लोग भाग लेते हैं। जहां पूजा के लिए मंत्रोच्चारण और आरती हिंदू धर्म से मुताबिक होती है। चीनी लोग भी उनके धर्म में पूजा के लिए उपयोग की जानी वाली मोमबत्तियां के अलावा लंबी अगरबत्ती और बुरी आत्माओं को दूर करने वाले विशेष रूप से बनाए गए कागजों को जलाते हैं।
हिंन्दू और चीनी सभ्यता के मेल का प्रतीक यह मंदिर देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है। जहां देश में लोग माता के मंदिरों में फलाहार और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं वहीं इस मंदिर में आने वाले भक्त माता को चीनी व्यंजन जिनमें नूडल्स, चॉप्सी, राइस और वेजिटेबल भी शामिल हैं, का भोग लगाते हैं।
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