लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के लिए इस बार मायावती ने सोशल इंजीनियरिंग का नया फॉर्मूला पेश किया है। मायावती ने इस बार मुस्लिम वोटरों को ध्यान में रखते हुए सबसे ज्यादा टिकट मुसलमानों और सवर्णों को दिया है। मायावती ने कहा कि कि हम जातिवादी नहीं है, इसका ताजा सबूत है कि हमने अगले चुनाव के लिए समाज के सभी वर्गों को टिकट दिया। हमने उम्मीदवार काफी पहले ही तय कर लिए थे।
मायावती ने बताया कि 403 सीटों में से 85 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। बीएसपी ने 87 टिकट दलितों, 97 मुसलमानों, 106 अन्य पिछड़ा वर्ग, 113 ऊंची जाति के लोगों (66 ब्राहमण, 36 क्षत्रिय और 11 कायस्थ, वैश्य एवं पंजाबी) दिए हैं।
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि उन्होंने काफी समय पहले ही प्रत्याशी तय कर लिए थे और इसमें अब कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन सूची बाद में जारी की जाएगी। मायावती ने चुनाव में किसी से गठजोड की संभावना से भी इनकार किया।
इससे पहले मायावती ने पीएम पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हार स्वीकार चुके हैं और इसीलिए वह कह रहे हैं कि अगले विधानसभा चुनाव पार्टी की जीत या हार का मुद्दा नहीं है। मायावती ने कहा कि विरोधी दल बीएसपी पर गलत आरोप लगाते हैं कि वह जातिवादी पार्टी है, विरोधी दल ऐसा इसीलिए करता है ताकि अन्य जातियों के लोग बीएसपी को वोट ना दें। ये राजनीतिक साजिश है।
मायावती ने कहा कि बीएसपी की चार सरकारों के समय पार्टी ने दलितों के अलावा अन्य सभी जातियों के हितों के लिए काम किया था। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद के भीतर और बाहर ऊंची जाति के गरीबों को आरक्षण की मांग भी उठाई है।
COMMENTS