नई दिल्ली। वैश्विक बिकवाली के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार से 3,838 करोड़ रुपए की निकासी की। जनवरी महीने में एफपीआई ने 13,780 करोड़ रुपए की निकासी की थी। फंड्सइंडियाडॉटकॉम में म्युचुअल फंड शोध की प्रमुख विद्या बाला ने कहा कि वैश्विक बिकवाली के बीच राजकोषीय घाटा का लक्ष्य चूकना और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर लगाया जाना इसके लिए जिम्मेदार रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि पिछले कुछ दिनों में एफपीआई द्वारा की गई निकासी का कारण वैश्विक बिकवाली है। यह अमेरिका में रोजगार के मजबूत आंकड़ों के बाद फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर बढ़ाने की आशंका के बीच हुआ है। आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने पिछले 7 दिनों में शेयरों से 3,838 करोड़ रुपए की निकासी की है जबकि ऋणपत्रों में उन्होंने करीब 4,600 करोड़ रुपए की लिवाली की है। ऋणपत्रों में लिवाली के बारे में बाला ने कहा कि अमेरिकी बॉण्ड में अधिक आय होने के कारण एफपीआई के लिए ऋणपत्रों में निवेश करना आकर्षक हुआ है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कच्चे तेल के भाव में नरमी तथा मूल्यांकन में गिरावट के कारण भारतीय बाजार कम खर्चीले हुए हैं। घरेलू संस्थागत निवेशक इसका फायदा उठा रहे हैं और पिछले कुछ दिनों से शुद्ध लिवाल बने हुए हैं।
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