भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सर्च इंजन गूगल पर भारतीय बाजार में अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए 136 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। गूगल को यह रकम 60 दिन के भीतर जमा करने का आदेश दिया गया है।
आयोग ने वर्ष 2012 में दर्ज शिकायत पर यह कार्रवाई की है। नियामक ने कहा कि गूगल पर यह जुर्माना स्पर्धा-रोधी व्यवहार के मामले में किया गया है। वैश्विक स्तर पर गूगल पर यह जुर्माना लगाए जाने का विरला मामला है। आरोप है कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च इंजन बाजार में अपनी दबदबे की स्थिति का फायदा उठाते हुए सर्च में पक्षपात और हेरफेर किया।
सीसीआई आदेश के अनुसार, कंपनी पर यह जुर्माना तीन वित्त वर्षों 2013, 2014 और 2015 में भारतीय परिचालन से आय के पांच प्रतिशत के बराबर है जो 135.86 करोड़ रुपये बैठता है। आयोग ने कहा कि गूगल ने शिकायत पर जो जवाब दिया है उस पर गंभीरता से विचार के बाद जुर्माना लगाने का फैसला किया गया। यह फैसला 2012 में मैट्रीमनी डॉट कॉम और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी (कट्स) की शिकायत पर आया है।
वहीं गूगल के प्रवक्ता ने कहा, कंपनी हमेशा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करती आई है। प्रवक्ता ने कहा, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा चिह्नित छोटी-छोटी चिंताओं पर हम समीक्षा कर रहे हैं। सीसीआई ने गूगल पर जुर्माने का फैसला 4-2 से सुनाया। 2 सदस्य इस फैसले के खिलाफ थे, जबकि चार लोग इस आरोप के पक्ष में थे।
भारत के बाहर भी गूगल पर इस तरह का मामले चल रहे हैं। कुछ समय पहले यूरोपीय संघ ने गूगल पर आरोप लगाया था कि वह अपने दबदबे का गलत इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि गूगल इससे इनकार करता रहा है।
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