सरयू मे न जाने कितना पानी बह चुका है। लेकिन अयोध्या के विवादित ढांचे पर अदालती कार्यवाही अब भी जारी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर गुरुवार से रोजाना कार्यवाही शुरू हो रही है। इस विवाद के पक्षकार कहते हैं कि या तो मामला बातचीत से सुलझे या अदालत अपने फैसले के द्वारा निस्तारण करे। अयोध्या विवाद की गरमी को देश का कोई न कोई हिस्सा महसूस करता रहता है। इस विवाद में कई मोड़ आए,कई घटनाएं भारतीय इतिहास की गवाह बन गईं। लेकिन 1 फरवरी 1986 के एक महत्वपूर्ण आदेश ने भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी।
1 फरवरी 1986 का वो आदेश
अयोध्या के विवादित ढांचे को लेकर हिंदू-मुस्लिम समुदाय अपने-अपने दावे तो अरसे से कर रहे थे लेकिन इस चिंगारी को हवा दी 31 साल पहले फैजाबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के एक आदेश ने। 1 फरवरी 1986 को दिये गये इसी आदेश से इस ढांचे पर 37 वर्षों से लगे ताले को खोलने का रास्ता साफ हुआ। इस आदेश में न्यायाधीश ने यह अनुमति भी दे दी थी कि दर्शन व पूजा के लिए लोग रामजन्मभूमि जा सकते हैं
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