पीएम मोदी की सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय पूरी तरह से सतर्क हो गया. गृह मंत्रालय ने एसपीजी और देश के सभी राज्यों को मोदी की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए हैं. गृह मंत्रालय ने सभी को निर्देशित किया है कि सार्वजनिक मंच पर मोदी के नजदीक कोई भी सांसद या मंत्री नजदीक नहीं आ सके. एसपीजी के आर्डर देने के बाद ही वे मंच पर आ सकेंगे.
गृहमंत्रालय के सूत्रों ने सुरक्षा के नए दिशा निर्देशों की जानकारी देते हुए कहा कि "खुफिया एजेंसियों ने पीएम की सुरक्षा को लेकर जो जानकारी दी थी उसके मुताबिक पीएम मोदी बीजेपी के स्टार प्रचारक होने के नाते 2019 में लगातार जनसभा करेंगे, ऐसे में उनके साथ कई स्थानीय नेता और लोग आने की कोशिश करेंगे, जिन्हे बिना एसपीजी की अनुमति के नहीं आने दिया जाए.
मिली जानकारी के मुताबिक नक्सलियों की कोशिश है कि जिस तरह से राजीव गांधी की हत्या की गई थी, ठीक उसी तरह से मोदी की भी हत्या कर दी जाए. मोदी की सुरक्षा का जायजा लेने के बाद एसपीजी की सुरक्षा पाने वाले सभी नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. उसके बाद एसपीजी ने तय किया है कि पीएम मोदी और राहुल गाँधी को सलाह दी जाएगी कि वो बिना किसी सुरक्षा इजाज़त या पूर्व योजना के रोड शो ना करें.
इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर अब एसपीजी पीएम मोदी को आम क्लोज प्रोटेक्शन ग्रुप यानी सीपीजी के 12 से 16 कमांडो अब बॉडी कवर देंगे. पहले ये कमांडो शैडो कवर देते थे यानि कुछ दूरी बना कर रखते थे. दरअसल ये व्यवस्था उस वक़्त लागू की गई थी जब जनधन व्यवस्था के लॉन्च के वक़्त एसपीजी कमांडो के कैमरे के सामने आने पर पीएम ने आपत्ति जताई थी.
एसपीजी ने ये भी तय किया है अब ब्रीफ़केस की तरह दिखने वाले बैलिस्टिक शील्ड से किसी भी मानव बम या फिदायीन हमले को रोकने के लिये क्लोज प्रोटेक्शन ग्रुप के कमांडो एक बजाय तीन बैलिस्टिक शील्ड के साथ रहेंगे. अत्याधुनिक हथियारों से लैस ये कमांडो किसी भी हमलावर को हमले से पहले ही खत्म देने की क्षमता रखते हैं.
एसपीजी सुरक्षा का दूसरा घेरा काउन्टर असॉल्ट ग्रुप यानी सीएजी के अत्याधुनिक हथियारों से लैस 22 कमांडो का है. इन कमांडो की जिम्मेदारी है कि कोई भी संदिग्ध को पीएम के नज़दीक ना पहुंच पाए. इन कमांडो के पास संदेह की स्थिति में किसी भी व्यक्ति ऐसे व्यक्ति पर हमला करने के निर्देश होते हैं जिन से पीएम मोदी को खतरा हो. खतरे को देखते हुये एसपीजी और तमाम सुरक्षा एजेंसियों को नए गाइडलाइंस के मुताबिक ही पीएम की सुरक्षा व्यवस्था पर अमल लाएं.
दरअसल कुछ दिन पहले ही खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एनएसए अजित डोवाल, गृहसचिव राजीव गौबा, आईबी प्रमुख और एसपीजी प्रमुख भी थे. उसके बाद ही इस गाइडलाइंस पर काम शुरू हुआ था. जिस पर अमल के लिए गृहमंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिठ्ठी लिखी है.
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