मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 100 रुपये का नया नोट लाने की घोषणा से देश में ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) बनाने और आपूर्ति करने वाली कंपनियों में घबराहट पैदा हो गई है।
नोटबंदी के बाद 2,000 रुपये, 500 रुपये और 200 रुपये के नए नोटों के साथ-साथ 50 रुपये और 10 रुपये के जो नए नोट आए हैं वे पहले की अपेक्षा आकार में छोटे हैं। उसी प्रकार बैंगनी या लैवेंडर रंग में आने वाला 100 रुपये का नोट भी चलन में मौजूद नीले रंग के 100 रुपये की नोट से आकार में छोटा है।
आरबीआई की घोषणा के अनुसार, मौजूदा नोट का आकार 157 मिलीमीटर लंबा और 73 मिलीमीटर चौड़ा है जबकि नया नोट 142 मिलीमीटर लंबा और 66 मिलीमीटर चौड़ा है।
एटीएम उद्योग महासंघ के निदेशक वी. बालासुब्रमण्यन ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, '100 रुपये के नए नोट के लिए अब देश के सभी 2,37,000 एटीएम को दोबार री-कैलिब्रेट (नये सिरे से दुरुस्त) करना होगा। इसमें काफी मशक्कत करनी पड़ेगी जिसमें समय के साथ-साथ लागत खर्च भी बढ़ेगा।'
सभी एटीएम को 100 रुपये के नए नोट के लिए दुरुस्त करने में एटीएम ऑपरेटर को संबंधित बैंक की नकदी के मामलों की एजेंसी के अधिकारियों और मशीन विनिर्माता कंपनियों के इंजीनियरों की जरूरत होगी।
बाला सुब्रमण्यन ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा, 'एक एटीएम को दुरुस्त करने में 20 मिनट का समय लगता है लेकिन इस काम में लॉजिस्टिक्स का काम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जैसे नकदी एजेंसी के अधिकारी और इंजीनियर का एक साथ होना। बहुत प्रयास करने के बाद भी एक दिन में 15 से 20 एटीएम को दुरुस्त किया जा सकता है। लिहाजा, समय लगने के साथ-साथ इसमें खर्च काफी ज्यादा हो जाता है।'
हिताची पेमेंट सर्विस के प्रबंध निदेशक लोनी एंटनी ने कैलिब्रेशन की पूरी प्रक्रिया में एक अरब रुपये खर्च का अनुमान लगाया है। उनके अनुसार, इस काम को पूरा करने में एक साल लग जाएगा।
एंटनी ने कहा, '200 रुपये के नए नोट के लिए कैलिब्रेशन कार्य एक साल पहलें शुरू हुआ लेकिन अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस प्रकार 100 रुपये के नोट के लिए अगर योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं हुआ तो उससे भी अधिक समय लग सकता है।'
दुनिया में सबसे कम एटीएम का औसत भारत में ही है। यहां एक लाख की आबादी पर एटीएम का औसत 8.9 है जबकि ब्राजील में 119.6, थाइलैंड में 78, दक्षिण अफ्रीका में 60 और मलेशिया में 56.4 है।
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