लखनऊ. मुन्ना बजरंगी की नौ जुलाई को बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इसके बाद से उसकी मौत को लेकर राजनीतिक पार्टियों की ओर से राजनीति किया जा रहा है. आज सपा मुखिया अखिलेश यादव ने मुन्ना बजरंगी की मौत पर सरकार को घेर दिया.
उन्होंने कहा कि उसकी मौत किसी और ने नहीं बल्कि सरकार के इशारों पर हुई है. अखिलेश से प्रेस कांफ्रेंस में जब यह पूछा गया कि मुन्ना बजरंगी की हत्या पर राज्यपाल ने सरकार को पत्र क्यों नहीं लिखा, जबकि उनकी सरकार में राज्यपाल कानून-व्यवस्था पर पत्र लिखते थे.
इस पर अखिलेश ने कहा कि राज्यपाल से उनके अच्छे संबंध हैं लेकिन राज्यपाल जानते हैं कि मुन्ना बजरंगी की हत्या सरकार ने करवाई. इसलिए वह चुप हैं. अखिलेश ने कहा कि वह जल्द राज्यपाल से मिलने जाएंगे और उन्हें बताएंगे.
मुन्ना बजरंगी की हत्या से एक दिन पहले राठी के परिवार ने छोड़ा था गांव-
हाल ही में कुख्यात अपराधी मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. अखिलेश इसके बाद भी कानून व्यवस्था का सवाल उठाते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में पूरी तरह अराजकता की स्थिति है. जनता में इतना भय कभी पैदा नहीं हुआ जो इस सरकार में इस वक्त है. प्रदेश में न कानून है न व्यवस्था है…
बुलेटप्रूफ जैकेट के बिना सुनील राठी के नजदकी नहीं गए पुलिस कर्मी-
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद सुनील राठी का खौफ पुलिस वालों भी दिखाई देने लगा है. शनिवार को जेल शिफ्ट कराने पहुंचे पुलिस कर्मियों ने बिना बुलेटप्रूफ जकैट के राठी के पास जाने से इनकार कर दिया. उनके लिए बुलेटप्रूफ जैकेट मंगवाई गई, इसके बाद ही वे सुनील राठी को बैरक से बाहर लेकर आए.
मुन्ना बजरंगी हत्याकांड: तिहाड़ में लिखी गई थी बजरंगी की हत्या की इबारत-
शुक्रवार को शासन ने सुनील राठी को बागपत जेल से फतेहगढ़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश जारी किया. शनिवार को सीओ राजबीर सिंह के नेतृत्व में 19 पुलिस कर्मियों की टीम राठी को फतेहगढ़ जेल ले जाने के लिए जिला जेल पहुंची. सूत्र बताते है कि पुलिस वालों ने बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के राठी के पास जाने से मना कर दिया. राठी जेल की तन्हाई बैरक में अकेला बंद था. उसका खौफ पुलिस वालों में इस कदर था कि बिना बुलेटप्रूफ जैकेट के वह उसके पास जाने से डर रहे थे
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