नई दिल्ली. 2019 के चुनाव में किसकी सरकार बनेगी इसको लेकर गहमागहमी मची हुई हैं. कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों का एक मात्र लक्ष्य बीजेपी को सत्ता से हटाना है. इसके लिए कांग्रेस किसी को भी प्रधानमंत्री बना सकती है.
हालांकि फिलहाल अभी कांग्रेस ने पीएम की उम्मीदवारी को लेकर अपने पैर को पीछे खीच लिया है, उसने प्रधानमंत्री किसी के भी बनने के सभी दरवाजों को खोल दिया है. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि अपने अध्यक्ष राहुल गांधी के स्थान पर किसी अन्य दल के नेता को प्रधानमंत्री बनाने को लेकर कांग्रेस ने विकल्प खुला रखा हुआ है, और पार्टी के इस रुख पर अन्य दलों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.
कांग्रेस का कहना है कि उन्हें कोई भी प्रधानमंत्री स्वीकार हो सकता है, बस, उसका ताल्लुक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, यानी बीजेपी के वैचारिक संरक्षक आरएसएस से नहीं होना चाहिए. तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु रॉय चौधरी ने भी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर कांग्रेस की नरमी का स्वागत किया है.
हालांकि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के ही सांसद अधिरंजन चौधरी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख तथा सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में कांग्रेस को खत्म कर रही हैं, और कांग्रेस उन्हें ही प्रधानमंत्री बनाने जा रही है, यह तर्क उन्हें अजीब लगता है. लेकिन टीएससी नेता दिनेश त्रिवेदी का कहना है कि लोकतंत्र में जनता ही तय करेगी कि कौन देश का प्रधानमंत्री बनेगा और जनता ने यह तय कर लिया है.
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी ने कहा है कि कांग्रेस ने इससे पहले भी एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल और चंद्रशेखर को प्रधानमंत्री बनवाया था, लेकिन उनमें से कोई भी सरकार टिक नहीं सकी थी.
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि अगर उनकी पार्टी 2019 के आम चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनी, तो वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार होंगे. उन्होंने दावा किया था कि नरेंद्र मोदी दोबारा भारत के प्रधानमंत्री बनने नहीं जा रहे हैं, और यह सच्चाई उन्होंने (राहुल ने) उनके (नरेंद्र मोदी के) चेहरे पर पढ़ी है.
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