ई-कॉमर्स वेबसाइट और 100 फीसदी एफडीआई के विरोध में शुक्रवार को बुलाए गए भारत बंद में उत्तर प्रदेश के व्यापारी शामिल नहीं होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले आश्वासन के बाद व्यापारियों ने यह फैसला लिया. लेकिन केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ऑफ़ यूपी ने प्रदेश भर दावा की दुकानों को बंद रखने का फैसला लिया है.
फेडरेशन के अध्यक्ष गिरिराज रस्तोगी ने बताया कि ई-फार्मेसी के विरोध में प्रदेश की एक लाख 12 हजार थोक व फुटकर दुकानें बंद रहेंगी. इससे पहले गुरुवार रात यूपी आदर्श व्यापार मंडल के पांच सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें अपनी मांग पत्र सौंपी. जिसके बाद सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी मांगों को खुद केंद्र सरकार तक पहुंचाएंगे. इसके बाद व्यापर मंडल ने बंद वापस ले लिया.
व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय गुप्ता के मुताबिक व्यापारियों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बताया कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों की वजह से खुदरा कारोबारियों का रोजगार प्रभावित हो रहा है. एक बड़ी अमेरिकी वेबसाइट के यूपी में काम शुरू करने से कारोबारियों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है.
उधर ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के विरोध में राजधानी समेत प्रदेश भर के मेडिकल स्टोर बंद रहेंगे. एक दिन की बंदी से प्रदेश में 50 करोड़ का नुकसान होगा. सीडीएफयूपी के अध्यक्ष गिरिराज रस्तोगी ने कहा कि सरकार के भेदभाव पूर्वक रवैये की वजह से यह बंदी की जा रही है. उन्होंने कहा कि ऑनलाइन दवाओं की बिक्री के लिए सरकार कड़ा फैसला ले. इसकी बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए. इससे कम में समझौता नहीं है.
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