लॉकडाउन के बीच इन 34 दिनों में एशिया की सबसे बड़ी तिहाड़ जेल से लगभग 3600 कैदियों को अंतरिम जमानत, पेरोल और फर्लो पर दो से तीन माह के लिए छोड़ा जा चुका है। विश्व में फैली कोरोना महामारी के चलते कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए अदालत और तिहाड़ प्रशासन ने मानवाधिकारों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है।
जेल के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जेल में मौजूद 20 प्रतिशत कैदियों को छोड़ा गया है। जिन कैदियों को छोड़ा गया है, उनमें 70 प्रतिशत दिल्ली के और 20 प्रतिशत दिल्ली के बाहर के रहने वाले हैं।
13 हजार के करीब कैदी : तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में वर्तमान में करीब 13 हजार 500 कैदी हैं। इनमें 20 प्रतिशत सजायाफ्ता हैं और 80 प्रतिशत विचाराधीन कैदी हैं। कोरोना के महामारी घोषित होने पर विदेशों की जेल में कैदियों को छोड़ने के निर्णय को देखते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन ने भी यह निर्णय लिया था।
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