लॉकडाउन के चलते भारी नुकसान की भरपाई के लिए रेलवे कॉस्ट कटिंग के ट्रैक पर चलने की तैयारी कर रहा है। योजना के मुताबिक, रेलवे में ग्रुप डी की नई भर्तियों पर पाबंदी लगेगी। सरप्लस रेल कर्मियों को सेवानिवृत्त किया जाएगा। इसके साथ ही, बड़े शहरों के टिकट काउंटर यानी पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम को बंद किया जाएगा। रेलवे दस्तावेजों के मुताबिक बुकिंग क्लर्क, सुपरवाइजर, टीटीई कैडर का समायोजन किया जाएगा।
Cost-Cutting पर विचार :-
रेल मंत्रालय के दस्तावेजों के अनुसार, लॉकडाउन से होने वाले दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सभी 17 जोनल रेलवे से कॉस्ट कटिंग पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसमें प्रमुख सुझावों में रेलवे के ग्रुप डी की नई भर्तियों पर पूरी तरह से रोक लगाना है। इसमें चपरासी से लेकर गैंगमैन, ट्रैकमैन, प्वांइटमैन आदि शामिल है। इसके अलावा, विभिन्न रेलवे जोन में सफाई कर्मचारी, पार्सल पोर्टर आदि सरप्लस कर्मचारियों की छंटनी कर उन्हें सेवानिवृत्त करने का सुझाव दिया गया है।
एप से जनरल टिकट की बुकिंग करने की सिफारिश :-
इसके अलावा ट्रेनों में सफाई के लिए ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग स्कीम (ओबीएचएस) का बजट 50 फीसदी कम करने को कहा गया है। मैनपावर कम करने के लिए रेलवे ने देश के बड़े रेलवे स्टेशन पर टिकट काउंटरों को पूरी तरह से बंद करने को कहा है। बुकिंग क्लर्क, सुपरवाइजर, टीटीई, टीसी कैडर का समायोजन करने की योजना है। अनारक्षित टिकट काउंटरों (यूटीएस) को बंद कर उनके स्थान पर यूटीएस मोबाइल एप से जनरल टिकट की बुकिंग करने की सिफारिश की गई है।
ट्रैक मरम्मत कार्य में लगे रेल कर्मियों की संख्या कम कर ट्रैक मशीन व उपकरणों से काम करने की सलाह दी गई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कॉस्ट कटिंग को लेकर चर्चा हो रही है इस पर अभी कोई फैसला नहीं किया गया है।
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