झारखंड के जेलों में कोरोना संक्रमण न फैले इसके लिए उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में तय हुआ कि आर्थिक आपराधिक और सात साल से ज्यादा सजा वालों को पैरोल नहीं दी जाएगी। वहीं गंभीर आपराधिक मामलों को छोड़ सात साल की कम सजा वाले कैदियों की पैरोल का विरोध सरकार कोर्ट में नहीं करेगी। उन मामलों में संबंधित कोर्ट ही निर्णय ले सकती है ।
उच्च स्तरीय बैठक के बाद लालू प्रसाद के पैरोल पर चल रहा संशय थम गया है। आर्थिक अपराध का आरोपी होने के कारण लालू प्रसाद को पैरोल नहीं मिल पाएगा। बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस एससी मिश्रा, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, जेल आईजी शशि रंजन व डालसा के सचिव मौजूद थे। झारखंड के जेल आईजी शशि रंजन ने बताया की कोरोना को लेकर जेलों में भीड़ को देखते हुए , सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था की सात साल से कम सजा वाले कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाए। ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके। झारखंड के केंद्रीय काराओं की क्षमता 14 हज़ार 114 हैं जिसमे वर्तमान में 18742 कैदी रह रहे हैं। जेल आईजी ने बताया कि केंद्रीय कारा से कैदियों को मंडल व उपकाराओं में शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि इस दौरान कैदियों की अदालतें नहीं बदलेंगी।
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