कोरोना वायरस के मरीजों के मामले में भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़ चौथे स्थान पर पहुंच गया है। वर्ल्डोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कुल मामले दो लाख 97 हजार तक पहुंच चुके हैं और यह आंकड़ा ब्रिटेन से 5592 ज्यादा है। भारत में जिस तरह रोज करीब दस हजार मामले सामने आ रहे हैं, तो उससे साफ संकेत मिलते हैं कि शुक्रवार (12 जून) सुबह आंकड़े जारी होने पर भारत में कोरोना के कुल मरीज तीन लाख के पार होंगे।
ब्रिटेन में गुरुवार (11 जून) को 1266 नए मामले सामने आए। भारत छह जून की सुबह ही इटली को पीछे छोड़ छठवें स्थान पर पहुंचा था और रात होते-होते स्पेन को भी पीछे धकेलते हुए वह पांचवें स्थान पर आ गया था।
11 दिनों में एक लाख से ज्यादा केस-
देश में 31 मई तक 190609 मामले सामने आए थे और वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, 11 जून तक यह आंकड़ा 297001 तक पहुंच गया था। इस हिसाब से 11 दिनों में एक लाख छह हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं। मौतों की संख्या यूरोपीय देशों से काफी कमराहत की बात है कि स्पेन, इटली, ब्रिटेन की तुलना में भारत में मौतें काफी कम हुई हैं। ब्रिटेन की तुलना में महज 20 फीसदी मौतें भारत में हुई हैं। भारत में 50 फीसदी से ज्यादा मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं।
भारत निश्चित रूप से सामुदायिक स्तर पर संक्रमण के चरण में नहीं है: केंद्र सरकार-
वहीं, देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने और इस महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के बीच केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार (11 जून) को कहा कि भारत निश्चित रूप से कोविड-19 प्रसार के ''सामुदायिक स्तर' पर संक्रमण के चरण में नहीं है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने प्रेस वार्ता में कहा कि कोविड-19 के प्रसार पर भारत के प्रथम 'सीरो-सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि लॉकडाउन और निरुद्ध क्षेत्र घोषित करने के उपाय संक्रमण की तीव्र वृद्धि रोकने में सफल रहे हैं। हालांकि, बड़ी संख्या में आबादी के इसकी चपेट में आने को लेकर अब भी खतरा है।
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